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नया उत्तर प्रदेश नए सपनों के साथ आगे बढ़ता प्रदेश, देश की दिग्गज कंपनियों की पसंद बनता जा रहा|

Editor : Anjali Mishra | 22 May, 2025

एक ओर सरकार का मजबूत विज़न, दूसरी ओर टाटा जैसे औद्योगिक समूह का भरोसा और इसी भरोसे पर टिकी है निवेश की एक नई उड़ान।

नया उत्तर प्रदेश नए सपनों के साथ आगे बढ़ता प्रदेश, देश की दिग्गज कंपनियों की पसंद बनता जा रहा|

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नया उत्तर प्रदेश नए सपनों के साथ आगे बढ़ता प्रदेश! अब देश की दिग्गज कंपनियों की पहली पसंद बनता जा रहा है।एक ओर सरकार का मजबूत विज़न, दूसरी ओर टाटा जैसे औद्योगिक समूह का भरोसा और इसी भरोसे पर टिकी है निवेश की एक नई उड़ान।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लखनऊ से लेकर अयोध्या और जेवर तक, विकास और निवेश की साझेदारी और भी गहरी होती जा रही है।अब बारी है उस उत्तर प्रदेश की कहानी सुनाने की, जो देश का औद्योगिक भविष्य बदलने जा रहा है और टाटा समूह इसमें निभा रहा है एक अहम किरदार।



उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य, अब निवेश की नई राजधानी बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के बीच हुई मुलाकात ने इस दिशा में एक और बड़ा कदम आगे बढ़ा दिया है।


मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस शिष्टाचार भेंट में न सिर्फ भविष्य की योजनाओं पर चर्चा हुई, बल्कि कई महत्वपूर्ण निवेश परियोजनाओं पर स्पष्टता भी सामने आई।टाटा समूह के चेयरमैन ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि उत्तर प्रदेश को निवेश का प्रमुख केंद्र बनाने के लिए समूह सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा। खासकर विमानन क्षेत्र में एमआरओ मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहालिंग सुविधा की स्थापना पर गंभीर चर्चा हुई। यह सुविधा न केवल राज्य की औद्योगिक क्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए दरवाज़े भी खोलेगी।

"हम उत्तर प्रदेश को भविष्य के निवेश हब के रूप में देखते हैं। राज्य सरकार की प्रतिबद्धता और नीतिगत स्पष्टता हमें प्रेरित करती है।मुलाकात में अयोध्या में प्रस्तावित “टेंपल आर्किटेक्चर म्यूजियम” पर भी विचार-विमर्श हुआ। यह म्यूजियम न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का कार्य करेगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय रोजगार को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।उत्तर प्रदेश की भूमि पर निवेश के लिए आज जितना अनुकूल वातावरण है, उतना पहले कभी नहीं था। हम प्रत्येक निवेशक का स्वागत करते हैं।सीएम योगी ने जेवर एयरपोर्ट परियोजना की प्रगति की जानकारी भी साझा की और बताया कि कैसे यह एयरपोर्ट उत्तर भारत का सबसे बड़ा एविएशन हब बनने जा रहा है। टाटा समूह के लिए यह एक सुनहरा अवसर है।सीएम योगी ने टाटा समूह को लखनऊ में एक ग्लोबल कैप्टिव सेंटर स्थापित करने का भी सुझाव दिया एक ऐसा हाई-टेक हब जो न केवल उत्तर प्रदेश को तकनीकी क्षेत्र में अग्रणी बनाएगा, बल्कि युवाओं के लिए कौशल आधारित रोज़गार भी सृजित करेगा।टाटा समूह के अध्यक्ष ने राज्य सरकार की उद्योग-हितैषी नीतियों, बुनियादी ढांचे के विकास और निवेश प्रोत्साहन के प्रयासों की खुलकर सराहना की। उन्होंने साफ शब्दों में कहा उत्तर प्रदेश अब हमारी प्रमुख प्राथमिकताओं में है।तो एक ओर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में निवेश के अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत हैं, वहीं देश की बड़ी औद्योगिक हस्तियां अब इस विश्वास के साथ आगे आ रही हैं कि उत्तर प्रदेश ही भारत के औद्योगिक भविष्य की नई राजधानी बनेगा।


बीते कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने न सिर्फ कानून-व्यवस्था की तस्वीर बदली है, बल्कि निवेश के लिए भरोसेमंद गंतव्य के रूप में अपनी पहचान भी बनाई है। टाटा जैसे देश के प्रमुख औद्योगिक समूह का विश्वास इसी बदलाव का संकेत है। यह संकेत सिर्फ टाटा के निवेश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देश-विदेश की और भी बड़ी कंपनियों को प्रदेश की ओर आकर्षित करेगा।टाटा समूह द्वारा एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद कंपनी को पुर्नजीवित करने की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश में एमआरओ सुविधा की स्थापना न केवल एयर इंडिया के लिए अहम साबित होगी, बल्कि यह यूपी को भारत के एविएशन मैप पर एक बड़े टेक्निकल हब के रूप में स्थापित कर देगी। इससे पायलट्स, टेक्नीशियन और इंजीनियरों के लिए भी रोजगार के असंख्य अवसर खुलेंगे।राम नगरी अयोध्या में प्रस्तावित “टेंपल आर्किटेक्चर म्यूजियम” पर टाटा समूह की रुचि, इस बात का प्रमाण है कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की परियोजनाएं अब कॉरपोरेट जगत के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। यह संग्रहालय न केवल पुरातात्विक महत्व को सहेजने का माध्यम बनेगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देगा।मुख्यमंत्री द्वारा लखनऊ में ग्लोबल कैप्टिव सेंटर (GCC) की स्थापना का सुझाव, भविष्य की अर्थव्यवस्था की ओर संकेत करता है। ऐसे सेंटर आमतौर पर रिसर्च, डेटा एनालिसिस, फिनटेक और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में कार्य करते हैं। यदि टाटा समूह इसे मूर्त रूप देता है, तो लखनऊ भारत के उभरते टेक्नोलॉजी हब्स में गिना जाएगा।यह बैठक सिर्फ शिष्टाचार भेंट नहीं थी, बल्कि एक बड़े कॉरपोरेट और राज्य सरकार के बीच सहयोग का रोडमैप थी। उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियां यदि स्थिर और पारदर्शी बनी रहीं, तो टाटा समूह जैसे अन्य कॉरपोरेट भी अपने दीर्घकालिक निवेश की योजनाएं लेकर प्रदेश में उतरेंगे। इससे ना केवल अर्थव्यवस्था सशक्त होगी, बल्कि युवा वर्ग को अपने ही राज्य में बेहतर भविष्य की उम्मीद मिलेगी।टाटा समूह और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच यह संवाद केवल एक औपचारिक बैठक नहीं, बल्कि नए भारत के विकास की साझेदारी की मिसाल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति-निर्माण में दूरदृष्टि और टाटा संस जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों का भरोसा, यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश अब सिर्फ आबादी के लिहाज़ से नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी देश के नेतृत्वकर्ता राज्यों में शुमार होने को तैयार है। आने वाले समय में जब जेवर एयरपोर्ट से विमान उड़ान भरेंगे, अयोध्या में संस्कृति के दर्शन होंगे और लखनऊ में टेक्नोलॉजी सेंटर काम करेगा तो यह साझेदारी उस उत्तर प्रदेश की तस्वीर होगी, जो आत्मनिर्भर और वैश्विक भारत के सपने को साकार कर रहा होगा।

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